उत्तराखंड में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेशवासियों को एक बार फिर नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। संवैधानिक बाध्यता के चलते सीएम तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा भेज दिया। अब बीजेपी नेतृत्व मौजूदा विधायकों में से ही किसी को नया मुख्यमंत्री बना सकता है। इस रेस में राज्य सरकार में मंत्री धन सिंह रावत, बंशीधर भगत, हरक सिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे चल रहा है।
करीब 4 महीने पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था। उसके बाद 10 मार्च, 2021 को पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत को नया मुख्यमंत्री बनाया गया। नियमों के मुताबिक, सीएम पद पर बने रहने के लिए रावत को 10 सितंबर तक विधानसभा चुनाव जीतना होगा। राज्य में विधानसभा की दो सीटें गंगोत्री और हल्द्वानी खाली हैं जहां उपचुनाव होना है। अगले साल फरवरी-मार्च में ही विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में उपचुनाव कराने का फैसला निर्वाचन आयोग पर ही निर्भर करता है।
धन सिंह रावत को संघ का आर्शीवाद
मुख्यमंत्री पद की रेस में राज्य सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। रावत श्रीनगर विधानसभा से विधायक हैं। धन सिंह आरएसएस कैडर से आते हैं और उत्तराखंड बीजेपी में संगठन मंत्री भी रह चुके हैं। सात अक्टूबर 1971 को जन्में धन सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी हैं। उन्होंने डबल एमए और राजनीति विज्ञान में पीएचडी की है।
बंशीधर भगत भी दावेदारों में शामिल
उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत भी सीएम पद के दावेदारों में शामिल हैं। कालाढूंगी विधानसभा सीट से विधायक भगत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बनी विभिन्न सरकारों में मंत्री रहे हैं। 2002 के विधानसभा चुनाव में वह हल्दानी सीट से कांग्रेस की डॉ इंदिरा हृदयेश से चुनाव हार चुके हैं।
करीब डेढ़ महीने पहले कोरोना महामारी से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते समय कैमरे के सामने रो देने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का नाम भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में बताया जा रहा है। हरक सिंह रावत के पास इस समय आयुष और आयुष शिक्षा समेत कई महत्वपूर्ण विभाग हैं।
उत्तराखंड के गठन में सतपाल महाराज का बड़ा रोल
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी सीएम पद के दावेदार बताए जा रहे हैं। सतपाल महाराज ने उत्तराखंड के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एक सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, आई के गुजराल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु पर उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के लिए दबाव डाला था। 21 मार्च 2014 को वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे।
शनिवार को होगी विधायकों की बैठक
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शनिवार को पर्यवेक्षक के तौर पर देहरादून जाएंगे। शनिवार शाम विधायक दल की बैठक होगी। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में दोपहर 3 बजे यह बैठक आयोजित की जाएगी। उत्तराखंड बीजेपी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने यह जानकारी दी है। सभी विधायकों को देहरादून में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है।
रावत ने गवर्नर से मांगा है समय
मुख्यमंत्री रावत ने इस्तीफे की औपचारिकता पूरी करने के लिए उत्तराखंड के राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है। बताया जा रहा है कि वक्त मिलते ही रावत गवर्नर हाउस पहुंचकर आधिकारिक तौर पर गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
नड्डा को भेजा अपना इस्तीफा, लिखी ये बात
इससे पहले तीरथ सिंह रावत ने नड्डा को भेजे अपने इस्तीफे में कहा, ‘आर्टिकल 164-ए के हिसाब से मुझे मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि अगर विधानसभा उपचुनाव में एक साल से कम समय बचता है तो वहां पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उत्तराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं।’