Home > उत्तराखण्ड > “इस मसीहा पत्रकार को पहचानते हैं?” लिखकर Viral हो रही वीडियो की सच्चाई कुछ और है।

“इस मसीहा पत्रकार को पहचानते हैं?” लिखकर Viral हो रही वीडियो की सच्चाई कुछ और है।

ट्विटर और फेसबुक पर 19 सेकंड का एक वीडियो धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है। लोग उस वीडियो को ट्वीट और शेयर कर दावा कर रहे है कि इस वीडियो में पत्रकार रवीश कुमार हैं। यूजर्स वीडियो के साथ कैप्शन में लिख रहे है “इस मसीहा पत्रकार को पहचानते हैं? ये दुनिया को पत्रकारिता पर ज्ञान देने की खान हैं। इन्हें आजकल की पत्रकारिता इन्हें मज़ाक़ लगता है।”

इस वीडियो को जाने माने पत्रकार सुशांत सिन्हा ने भी ट्वीट किया। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए लिखा, “इस मसीहा पत्रकार को पहचानते हैं? (Hint: ये दुनिया को पत्रकारिता पर ज्ञान देने की खान हैं)”।

सुशांत के इस ट्वीट पर लोग अलग अलग प्रतिक्रिया दे रहा है। कुछ ने कहा ये वीडियो रवीश कुमार का है जब वो पार्लियामेंट हमले की रिपोर्टिंग कर रहे थे। तो कुछ ने सुशांत की क्लास भी लगाई और कहा कि जो भी है आपसे अच्छा है। आपके जैसा तलवे चाटने वाला पत्रकार तो नही है।

जानिये इस वीडियो की सच्चाई:
इस वीडियो को NDTV ने अगस्त, 2013 में एक ब्लूपर्स वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया था। जिसके जरिये बताया गया है कि ये 2006 का है। अगर आप इस पूरे वीडियो को देखेंगे तो पता चलेगा कि यह वीडियो रवीश कुमार की नही बल्कि कश्मीर के एक पत्रकार की है। जिस 19 सेकंड के क्लीप को रवीश कुमार का बताकर शेयर किया जा रहा है वो हिस्सा भी इस वीडियो में मौजूद है।

जानिये कौन है इस वीडियो में
इस वीडियो को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि यह लोट-लोट कर रिपोर्टिंग करने वाला शख़्स रवीश कुमार नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के फ़याज़ बुख़ारी हैं। नीचे दी गई तसवीर से यह बिल्कुल साफ ही जाता है ये रविश नही बल्कि फयाज है।

Alt News ने फयाज बुखारी से सम्पर्क कर बात कि तो उन्होंने कहा, “मई 2006 की बात है. एक कांग्रेस रैली हो रही थी जो अचानक फिदायीन हमले के दायरे में आ गयी. मैं इस रैली के खत्म होने के बाद लाइव कर रहा था. अचानक गोलीबारी हुई और मैं उस वक़्त बिना किसी कवर के लाइव कर रहा था. कैमरा वालों ने कवर ले लिया था. मैं अकेला था जो गोलीबारी की चपेट में आ सकता था. मैं नीचे झुका और खुद को बचाने के लिए लुढ़का क्योंकि बाकी कैमरा वालों की तरह मुझे खुद को किसी भी तरह गोलीबारी से बचाना था.”

Inaput: AltNews