अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन की जीत हुई है, उसके बाद से डेमोक्रेट पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस को देश-विदेश से बधाईयां मिल रही हैं। भारत के लोग भी अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में बेहद दिलचस्पी ले रहे हैं। नेता बधाईयां दे रहे हैं तो पत्रकार चुनावी परिणामों का विश्लेषण कर रहे हैं। कुछ पत्रकार तो अमेरिका के बहाने भारत सरकार पर भी निशाना साध रहे है।
देश के मशहूर और क्रांतिकारी पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने जो बाइडेन की जीत को अमेरिकी जनता द्वारा चार साल बाद गलती में सुधार बताया है। उन्होंने प्रश्न उठाते हुए कहा भारत कब सुधार करेगा ? पुण्य प्रसून बाजपेयी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘अमेरिका ने 4 साल में अपनी गलती सुधार ली.. भारत…………??’
पुण्य प्रसून बाजपेयी के इस ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रिया अभी सामने आ रही हैं। कुंवर अजयप्रताप सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा है, ‘भारत को 60 साल लग गए गलती सुधारने में।’ तो वही एक अन्य यूजर ने लिखा, “आमेरिका ने 4 साल में अपनी गलती सुधार ली..
भारत को खांग्रेस और फर्जी गांधीपरिवार को सत्ता से बाहर करने में साठ वर्ष का समय लग गया…!!!”
चन्दन ना में के यूजर ने लिखा, “ट्रंप की हार से भारत की एक गैंग इतनी उत्साहित नजर आ रही हैं कि जैसे अमेरिका उनका चुनावी क्षेत्र हो। कारण ??? सिर्फ मोदी विरोध। ट्रंप कोई मोदी जी का भाई नहीं है और बाइडेन कोई दुश्मन नहीं है। सबको भारत के बाजार में मुनाफा नज़र आता हैं”
गोपाल सनातनी नाम के यूजर ने तो हद्द कर दी। लिखा, “अमेरिका में समझदार लोग है इसलिये 4 साल लगे भारत मे मूर्ख इसलिये 70 साल लगा दिया।
रही तुम जेसो की बात तो सुधरना नही है सिर्फ पत्तल चाटने से मतलब है पत्रकारिता का स्तर गया तेल लेने…??”
केपी सिंह नाम के यूजर ने लिखा, “
विनाशकाले विपरीत बुद्धि। कुछ लोगों को विनाश में ही विकास दिखता है।
अमेरिका में भी चार साल पहले लोगों को “Let’s make America great again” बोलकर ट्रंप में ठगा था जैसे मोदी ने “अच्छे दिन” बोलकर भारत के लोगों को ठगा। पर अमेरिका में पढ़े लिखे लोग हैं। धोखे से उबर गए!”
जयप्रकाश अग्रवाल ने लिखा, “भारत 2024 में फिर एक बार अपनी गलती सुधार कर कांग्रेस को रिजेक्ट कर पुनः मोदीजी को ही PM बनायेगा। याद रहे कांग्रेस ने 70 सालो तक देश को लुटा और प्रसून बजपेयी, रवीश कुमार, राजदीप सरदेसाई, बरखा दत्त, जैसे गद्दार पत्रकारों को मलाई खिलाते रही।”