मशहूर संगीतार स्वर्गीय वाजिद खान की पत्नी कमालुख खान ने अंतरधार्मिक विवाह को लेकर पहली बार अपनी बात सामने रखी है। कमालुख ने अपने इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट लिखा है और कैप्शन दिया, “जिओ और जीने दो एक ही धर्म होना चाहिए जिसका हम सभी पालन करते हैं।” उन्होंने लिखा कि वह वाजिद खान से शादी करने से पहले 10 साल तक उनके साथ रिलेशनशिप में रही थी।
धर्मांतरण विरोधी बिल को लेकर हो रही बहस के बीच उन्होंने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा, ‘मैं पारसी हूं और वह मुस्लिम थे। हम वही थे जिसे आप ‘कॉलेज स्वीटहार्ट्स’ कहेंगे। आखिरकार जब हमारी शादी हुई, तो हमने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत प्यार के लिए शादी की (एक एक्ट जो किसी के धर्म पोस्ट मैरिज को प्रैक्टिस करने का अधिकार देता है)।
कमलरुख ने लिखा, “एक शिक्षित, विचारशील, स्वतंत्र राय वाली महिला स्वीकार्य नहीं थी और धर्मांतरण के दबाव का विरोध करना अपवित्र था।” कमलरुख ने लिखा कि हालाँकि वह सभी धर्मों को बहुत महत्व देती हैं, लेकिन धार्मिक रूपांतरण पर उन्हें विश्वास नहीं था। कमलरुख ने खुलासा किया कि कैसे इस्लाम में उनके प्रतिरोध ने उनके और उनके पति के बीच की खाई को काफी बढ़ा दिया, जिसकी वजह से यह पति और पत्नी के रूप में उनके रिश्ते को नष्ट करने के लिए पर्याप्त विषाक्त हो चुका था और इसका असर बच्चों पर भी पड़ा।
बता दें कि वाजिद खान ने अपने करियर की शुरुआत साल 1998 में सलमान खान की फिल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ से की थी और हाल के दिनों तक बॉलिवुड को उन्होंने कई खूबसूरत ट्रैक दिए हैं। वाजिद उस फैमिली से हैं, जिनका पूरा परिवार ही म्यूजिक की दुनिया से ताल्लुक रखता है। वह फेमस तबला वादक शराफत अली खान के बेटे थे। वाजिद के दादा उस्ताद अब्दुल लतीफ खान भी म्यूजिशन थे और उन्हें पद्म श्री सम्मान भी मिल चुका है। साजिद-वाजिद ने 7-8 साल की उम्र से म्यूजिक सीखना शुरू किया। साजिद और वाजिद का ताल्लुक उत्तर-प्रदेश सहारणपुर से है।