देहरादून: उत्तराखंड को लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कहर से जूझना पड़ता है, जिसमें कई लोगों की जान चली जाती है। उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, इसलिए आपातकालीन ट्रॉमा केयर नेटवर्क (ETCN) की राज्य को बुनियादी जरूरत है। आईएएस स्वाति भदौरिया ने राज्य स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र उत्तराखंड कल एक बैठक आयोजित की। बैठक में आपातकालीन ट्रॉमा केयर नेटवर्क स्थापित किए जाने पर चर्चा की गई।
मंगलवार देर शाम राज्य स्वास्थ्य प्रणाली संसाधन केंद्र (SHSRC) उत्तराखंड की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के सभागार में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य भर में आपातकालीन ट्रॉमा केयर नेटवर्क (ETCN) के विस्तार करने के बारे में विभिन्न उपायों पर चर्चा की गई। राज्य स्वास्थ्य संसाधन केन्द्रों की कार्यकारी निदेशक तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड की मिशन निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने बैठक में AIIMS और एचएनबी उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी को जोड़कर ट्रॉमा केयर नेटवर्क की स्थापना पर विचार विमर्श किया।
IAS स्वाति भदौरिया की शानदार पहल
AIIMS ऋषिकेश और HNB उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी के समन्वय से राज्य भर में ट्रॉमा केयर नेटवर्क की स्थापना से आपातकालीन स्थितियों में गंभीर रूप से घायल मरीजों को तत्काल और बेहतर उपचार प्रदान करने के संबंध में प्रेजेंटेशन भी दिए गए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने बैठक में उत्तराखंड में ट्रॉमा केयर नेटवर्क को आपातकालीन स्थिति में आम आदमी की जान बचाने में काम आने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं की मैपिंग पर भी विशेष जोर दिया।
ऐप बताएगी मेडिकल आवश्यकतायें
निदेशक स्वाति एस भदौरिया बैठक में मौजूद अधिकारियों को विशेष ट्रॉमा प्रशिक्षण देकर स्टाफ को तैयार करने का निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से एक ऐसा ऐप विकसित करने के लिए कहा जो आपातकालीन स्थिति में व्यक्ति की मेडिकल आवश्यकताओं के बारे में चिकित्सा कर्मचारियों को बता सके। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा केंद्रों के नक्शे 108 को उपलब्ध कराए जाएंगे।