देश में चुनावी माहौल है. ऐसे में हर राजनीतिक दल जीत को तय करने की पूरी कोशिश में लगा हुआ है. दरअसल 2022 की शुरुआत में ही 5 राज्यों में विधान सभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी नए साल की छुट्टियां मनाने विदेश निकल गए हैं. उनकी विदेश यात्रा फिर एक बार चर्चा का विषय बन गई है. हालांकि राहुल कहां और कितने दिन की यात्रा पर गए हैं अभी इस बारे में कोई जानकारी मौजूद नहीं है.
आपको बता दें कि जनवरी की शुरुआत में ही राहुल की पंजाब में एक रैली होनी है. लेकिन चूंकि अब राहुल अपने विदेश दौरे के लिए रवाना हो गए हैं ऐसे में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि उनकी यह रैली रद्द हो सकती है. ऐसे में राहुल गांधी की राजनीति में गंभीरता को लेकर फिर से सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि वे चुनावों से पहले सीरियस नहीं हैं, तो बाद में क्या होंगे.
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल को विदेश जाने के लिए ट्रोल किया जा रहा हो. इससे पहले भी कई मौकों पर राहुल जब विदेश गए हैं तो सवाल खड़े हुए ही हैं.
वर्ष 2013 में जब उत्तराखंड में बाढ़ का कहर बरपा था तो उस समय राहुल विदेश में छुट्टी मना रहे थे. उस समय कांग्रेस की ही सरकार थी.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले वे अचानक छुट्टियां मनाने चले गए थे. इस बीच एक खुली जीप पर घूमते हुए राहुल की फोटो वायरल हुई थी. बताया गया था यह रणथंभौर के नेशनल पार्क की है.
वर्ष 2015 में असम चुनाव के बीच में राहुल गांधी फ्रांस चले गए थे.
वर्ष 2015 के ही फरवरी महीने में वे देश से बाहर चले गए थे. वे 57 दिन बाद जब दिल्ली लौटे तो पता चला कि वह बैंकॉक, म्यामांर घूमने गए थे. इसको उन्होंने आध्यात्मिक यात्रा बताया था. इसकी काफी चर्चा रही और विपक्ष ने इस मुद्दे को खूब उछाला था.
वर्ष 2016 में पंजाब चुनाव से पहले वे इंग्लैंड दौरे पर चले गए थे.
वर्ष 2019 के अक्टूबर में राहुल अचानक विदेश रवाना हो गए जब कांग्रेस अर्थव्यवस्था को लेकर पूरे देश में मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलित थी. इस यात्रा से पार्टी के भीतर भी विरोध के स्वर उठने लगे थे.
वर्ष 2019 दिसंबर को उन्होंने दक्षिण कोरिया का दौरा किया. इसी समय देश में CAA को लेकर कानून पारित हो रहा था.
2020 के शुरुआती दौर में वे नेपाल चले गए. मानसून सत्र के दौरान भी वे मां सोनिया के इलाज के लिए अमेरिका में थे. इस दौरान मानसून सत्र चल रहा था. इसी दौरान देश में कृषि बिल पास हुआ था.
2021 के अंत में भी वे जब ओमिक्रॉन का कहर पूरी दुनिया पर हावी हो रहा है और देश में चुनाव का भी पीक चल रहा है ऐसे में राहुल का न्यू ईयर वैकेशन विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा है.