Mumbau: अभी दो दिनों पहले शिवसेना नेता संजय राउत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के बीच हुई मुलाकात के बहुत से मायने निकाले जा रहे है। इस मुलाकात के बाद से महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई हैं। हालांकि दिनों नेताओ ने उस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया था। लेकिन दोनों नेताओं की इस मुलाकात को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसके अलगे ही दिन NCP प्रमुख शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की की भी मुलाकात हुई थी। गौरतलब हो शिवसेना महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस संग गठबंधन सरकार चला रही हैं।

इस मुलाकात के बाद आरपीआई अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने मामले में प्रतिक्रिया देकर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने हिंदी न्यूज चैनल एबीपी से कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना को भाजपा के साथ 50-50 के फॉर्मूले पर सरकार बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवसेना महाराष्ट्र की अहम पार्टी थी मगर उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई है। इतने दिनों तक तीनों दलों की सरकार चलना मुश्किल है।

बकौल अठावले शिवसेना और भाजपा में पिछले 25-30 सालों से दोस्ती रही है, दोनों दलों में बहुत ज्यादा मतभेद भी नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘देवेंद्र फडणवीस विपक्ष के नेता हैं और भाजपा नेता भी हैं। उनसे शिवसेना के संजय राउत ने मुलाकात की है। मुझे नहीं पता कि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई। मगर में बार-बार कहता रहा हूं कि शिवसेना को वापस भाजपा के साथ हाथ मिलाना चाहिए। बाला साहब ठाकरे की शिव शक्ति का सपना पूरा करना है तो शिवसेना को एनसीपी का साथ छोड़ देना चाहिए। ऐसा होता है तो भाजपा, शिवसेना और आरपीआई एक साथ आ सकते हैं और तीनों मिलकर सरकार बनाएंगे।’

उल्लेखनीय है कि देवेंद्र फडणवीस संग मुलाकात पर संजय राउत ने कहा था कि उन्होंने कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भाजपा नेता से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि फडणवीस राज्य के पूर्व सीएम हैं। वह महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता हैं और भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी भी हैं। हमारे बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं। सीएम ठाकरे को भी इस बैठक के बारे में जानकारी थी।

Input: Jansatta