शायर मुनव्वर राना दोहरी मुसीबत में फंस गए हैं। धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने राना की याचिका खारिज कर दी है। दूसरी तरफ राना की तबीयत भी खराब हो गई है। उन्हें लखनऊ PGI हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। राना ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से की थी।

इस मामले में पीएल भारती ने 21 अगस्त को हजरतगंज कोतवाली में राना के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। वाल्मीकि समाज और सामाजिक सरोकार फाउंडेशन संस्था के नेता भारती का आरोप है कि राना ने देश के करोड़ों दलितों को ठेस पहुंचाई है। उनका अपमान किया है। हिंदुओं की आस्था को भी चोट पहुंचाई है। अंबेडकर महासभा के महामंत्री अमरनाथ प्रजापति ने भी मुनव्वर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

टीवी इंटरव्यू के दौरान राना ने कही थी यह बात
राना ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था, ‘महर्षि वाल्मीकि न केवल पवित्र ग्रंथ रामायण के रचनाकार हैं, बल्कि वाल्मीकि एक लेखक भी थे। तालिबानी भी दस साल बाद वाल्मीकि होंगे। हिन्दू धर्म में तो किसी को भी भगवान कह देते हैं।’

राना के इस बयान के बाद जब उन पर FIR दर्ज हुई थी तो गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने कोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने गिरफ्तारी न करने और मुकदमे में राहत देने वाली उनकी दोनों मांगों को ठुकरा दिया है।