बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त ‘बिहार में का बा’ गीत गाकर सुर्खियां बटोरने वाली नेहा सिंह अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) पर आधारित गीत गाकर विवादों में घिर गई है। अपने इस गीत की वजह से लोक गायिका नेहा सिंह राठौर इविवि के छात्र-छात्राओं के निशाने पर हैं। छात्र-छात्राओं का कहना है कि नेहा को एक बार इविवि आकर देखना चाहिए। पता चल जाएगा कि यह बम-कट्टे नहीं, बल्कि आईएएस-पीसीएस बनाने की ‘फैक्ट्री’ है।
नेहा को अपने गीत में इविवि के छात्रसंघ और हॉस्टल पर कटाक्ष करने के लिए सोशल मीडिया पर लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह मानना है कि नेहा को इविवि के इतिहास की जानकारी नहीं है। किसी लोक गायिका से ‘पूरब के ऑक्सफोर्ड’ पर कटाक्ष करने की उम्मीद नहीं जा सकती है। आलोचना करना बहुत आसान होता है।
विवाद के विषय में इतना कहा जा सकता है कि नेहा सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं के विषय में क्या सोचती है उसने गायन के माध्यम से बयां किया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुछ छात्र नेताओं का आरोप है कि इससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है।
नेहा सिंह ने माफी मांगने से किया इंकार
यूनिवर्सिटी के छात्रों के इस आरोप के बाद नेहा सिंह ने पंजाब केसरी के माध्यम से कहा कि “नही माँगूंगी माफी, नहीं करूंगी वीडियो डिलीट, क्या कर लोगे। जो करना है कर लो, आपलोग बस यही कर सकते हो कि टाइमलाईन पर आ कर माँ बहन कर सकते हो।
लॉजिकल भारत टीम यह उम्मीद करती हैं कि नेहा राठौर को संगम घाट की शाम, गुलमोहर के पेड़ों की गुफ़्फ़ छांव से गुजरने वाली चार किलोमीटर लंबी सड़क, नैनी पुल पर गांव से आये सैलानियों द्वारा खिंचाते फ़ोटो के दृश्यों, इलाहाबाद में अभाव में तैयारी कर कीर्तिमान स्थापित करते छात्र/छात्राओं, विश्व प्रसिद्ध माघ मेला और इलाहाबाद की सड़कों के किनारे लगे स्वादिष्ट खाद्य सामग्री ने जरूर प्रभावित किया होगा। उमिन्द करते है आप नकारात्मक चीजो के बजाय अपने गीतों के जरिये सकारात्मकता परोसेंगी।