Patna: बिहार चुनाव में गठबंधन की जोड़-तोड़ अंतिम चरण में पहुच चुकी है। LJP ने भी ऐलान कर दिया है कि वो जेडीयू के गठबंधन में बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि अपने उम्मीदवार उतारेगी। पासवान की पार्टी का कहना है कि वह चुनाव के नतीजे आने पर बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार बनाएगी। यानी जेडीयू के उम्मीदवारों के खिलाफ लोजपा के उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे। इससे सीधे तौर पर जेडीयू को नुकसान बीजेपी को फायदा होता दिख रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोजपा बिहार विधानसभा में जदयू के खिलाफ जीन सीट पर अपने उम्मीदवार उतरेगी उन सीट पर बीजेपी के वोटर भी LJP को सपोर्ट करेंगे ताकि बाद में बीजेपी और LJP दोनो की मिलाकर बहुमत के आंकड़े तक पहुच सके। अगर बात जनता की करे तो अभी से ये खबर अंदरखाने चल रही है किलोजपा ने जो भी फैसला लिया है उसके पीछे भाजपा का हाथ है।
अगर लोजपा इस चुनाव में 20-25 सीटें जीतती है तो फिर नीतीश कुमार की छुट्टी हो जाएगी। भाजपा के वो सारे नेता, जो जदयू को सीट चले जाने के कारण बेटिकट हो गए थे – अब लोजपा से उतरेंगे।
सवाल है कि क्या नरेन्द्र मोदी जदयू वाली सीटों पर चुनाव प्रचार करेंगे? जदयू तो दबाव बनाएगा ही इसके लिए। लोजपा केंद्र में NDA में बनी रहेगी, राज्य में अकेले चुनाव लड़ेगी और BJP के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेगी।
बिहार में 5% पासवान वोटर हैं। 2015 में 42 सीटों पर पार्टी को 29% वोट मिले थे, जो पूरे राज्य का 5% है। 2005 में उसके पास 28 सीटों के साथ (11% वोट्स) सत्ता की कुंजी आई थी।