Sunday, February 16, 2025
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सरदाना के निधन पर खुश होने वालों पर भड़के दीपक चौरसिया, शरजील को कहा- तुमलोग देशद्रोही थे, हो और रहोगे..

नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी न्यूज चैनल आजतक के शीर्ष एंकरों में से एक रोहित सरदाना का शुक्रवार को निधन हो गया। रोहित सरदाना के निधन की खबर मिलते ही सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ पड़ी। हर कोई उन्हें अपने-अपने तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा था। वहीं इनसब के बीच कुछ ऐसे लोग भी थे जो मौत का पर ओछी टिप्पणी कर रहे थे। इनमें से एक राष्ट्रद्रोह का आरोपी शरजील उस्मानी (Sharjeel Usmani) भी था।

शरजील उस्मानी ने रोहित सरदाना के निधन पर ट्वीट कर लिखा- ‘मनोरोगी, मनोविकारी झूठा और नरसंहार को बढ़ावा देने वाला। एक पत्रकार को रूप में याद नहीं किया जा सकता।’ शरजील के इस ट्वीट पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और ट्विटर पर शरजील को बैन करने की मांग की है।

शरजील के ट्वीट के बाद मशहूर पत्रकार दीपक चौरसिया ने एक जबाबी ट्वीट किया और लिखा, “एक युवा होनहार पत्रकार की मौत पर जश्न का माहौल बना रहे भेड़िए को देख आश्चर्य न करें..। प्रेमचंद के ‘कफ़न’ का किरदार आज भी ज़िंदा है। शरज़ील का लिखना एक और पुष्टि है कि एक समुदाय इस मुल्क से ग़द्दारी ही करेगी चाहे आप-हम जो करले। शुक्रिया शरज़ील !!!!!”

दीपक चौरसिया के टीवीट का जवाब देते हुए शरजील उस्मानी ने लिखा “मैं तुम्हे लंबे समय तक जिंदा देखना चाहता हूं ताकि तुम्हे कोर्ट से सजा मिले तुम्हारे और तुम्हारे जैसे लिबरल को जो प्रोपोगंडा के तहत काम करते है, क्या तुम जीवित रह सकते हो”

शरजील को जवाब देते हुए दीपक चौरसिया ने उसे गद्दार और देशद्रोही कहते हुए लिखा, “मेरे जीने की दुआ मेरे लाखों चाहने वाले करते हैं ग़द्दार। दीपक चौरसिया आज तक किसी की धमकी से डरा नहीं है जो तुझ जैसे देशद्रोही से डर जाएगा। एक बात तो स्पष्ट हो गयी कि तुमलोग देशद्रोही थे, हो और रहोगे। नीची सोच वाले शरज़ील, तुम्हारा इंसाफ़ इस देश की जनता करेगी।”

शरजील उस्मानी यूपी के आजमगढ़ जिले के सिधारी इलाके का रहने वाला है। शरजील उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र रहा है। शरजील उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैंपस में सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ विरोध किया था। बीतें फरवरी को शरजील ने महराष्ट्र में एक कार्यक्रम में हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था, जिसके बाद लखनऊ में उसके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था।