केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसान सबसे ज्यादा मुखर हैं और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ दर्ज मामलों के खिलाफ कानूनी मदद के लिए पंजाब सरकार ने 70 वकीलों की एक टीम बनाई है जो किसानों की मदद करेंगे. साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि पंजाब सरकार ने दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज किए गए मामलों के खिलाफ किसानों को त्वरित कानूनी सहायता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली में 70 वकीलों की एक टीम की व्यवस्था की है. मैं व्यक्तिगत रूप से लापता किसानों के मुद्दे को गृह मंत्रालय के साथ उठाऊंगा और सुनिश्चित करूंगा कि ये व्यक्ति सुरक्षित घर पहुंचें. सहायता के लिए 112 पर कॉल करें.
अमरिंदर सिंह के इस ट्वीट के बाद बीजेपी समर्थक उनकी कड़ी आलोचना कर रहे है। तो वही दूरदर्शन न्यूज़ के पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने भी पंजाब सरकार के जस फैसले पर ट्वीट किया और लिखा, “26 जनवरी को जब लालकिले हिंसा हुई तो विपक्ष और आन्दोलनकारियों ने कहा कि हिंसा करने वाले सरकार के लोग हैं, भाजपाई हैं…..
अब जब ये हिंसा करने वाले “सरकारी एजेंट” पकडे जा रहे हैं तो पंजाब सरकार ने इनके बचाव के लिए 70 वकीलों की टीम क्यों तैनात कर दी ?”
आपको बता दे, किसान आंदोलन की वजह से पंजाब में भी हालात तनावपूर्ण हैं. रविवार को जारी किए गए बयान के अनुसार यह बैठक पंजाब भवन में होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय अहंकार में अलग खड़ा होने का नहीं, बल्कि राज्य और अपने लोगों को बचाने के लिए एक साथ आने का है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने 2 फरवरी को सभी पार्टियों की बैठक का आह्वान किया है. इस मीटिंग में किसान आंदोलन की वजह से बने ताजा हालात पर चर्चा की जाएगी.