उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दोबारा सरकार बनने के बाद ‘बुलडोजर’ का खौफ लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। रामपुर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां के एक युवक ने एसडीएम के यहां अर्जी देकर अपना मकान तोड़वाने की मांग कर डाली है। अपने ही मकान को तोड़ने की अर्जी ने अधिकारियों को भी चौंका दिया। हालांकि, जब मामले की पड़ताल की गई तो पाया गया कि बहुत पहले तालाब को पाटकर उस जमीन पर लोगों ने अपने घर बनवा लिए थे। अब अवैध संपत्तियों पर जिस प्रकार से कार्रवाई हो रही है, उससे इन लोगों को डर लगने लगा है कि कहीं अगला नंबर उनका ही न हो। इससे पहले ही युवक ने एसडीएम के समक्ष पहुंचकर मामला खोल दिया। हालांकि, इस मामले में कई अन्य घरों के आने की भी आशंका है। ऐसे में युवक ने खुद की जान पर अब खतरा भी बता दिया है।

मामला रामपुर जिले के मित्रपुर अरेला का बताया जा रहा है। गांव के एहसान ने एसडीएम को दी गई अर्जी में कहा है कि उसका मकान पुश्तैनी है। उसके दादा-परदादा ने इसका निर्माण कराया था। पिछले दिनों जब जमीन के कागजातों की जांच की तो पाया कि यह तालाब की जमीन है। इस कारण उसने एसडीएम को अर्जी देकर मकान गिराने का अनुरोध कर दिया। एहसान की इस अर्जी की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ने उसका विरोध शुरू कर दिया है। आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों का कहना है कि अगर एहसान का मकान टूटता है तो उनके घर भी कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे। सबसे मजेदार तो यह है कि प्रधान का भी घर तालाब के दायरे में आने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में एहसान को अब अपनी जान की फिक्र भी सताने लगी है।

एसडीएम अशोक चौधरी ने इस पूरे मामले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मित्रपुर अरेला के एहसान मियां की शिकायत आई थी। इसकी जांच कराई गई। इसमें पाया गया है कि उसका घर तालाब और कब्रिस्तान की जमीन पर बना हुआ है। एसडीएम ने कहा कि आधा से अधिक गांव तालाब और कब्रिस्तान पर बसा हुआ है। हमने इसका सर्वे किया है। दरअसल, तालाब और कब्रिस्तान को पाटकर लोगों ने अपने घर बना लिए हैं। योगी सरकार बनने के बाद सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को हटाने का अभियान चलाया जा रहा है। इसी को देखते हुए एहसान मियां ने पहले ही एसडीएम के यहां पहुंच कर मकान गिराने की अर्जी डाल दी।

एहसान मियां की अर्जी से गांव के लोग परेशान हैं तो प्रशासनिक पदाधिकारियों की हैरानी बढ़ी हुई है। वहीं, एहसान ने इस पूरे मामले में कहा कि मकान उसके परदादा ने बनवाया था। नक्शा देखने के बाद पता चला है कि यहां पहले तालाब था। इसलिए, हमने इस मकान को गिराने की अर्जी लगा दी। उसने दावा किया कि उसके इस कदम से गांव के लोग नाराज हो गए हैं। गांव के प्रधान का मकान भी तालाब की जमीन में है। इसको लेकर उसने अपनी जान का खतरा बताया। प्रशासन से अपील की है कि उसे सुरक्षा दी जाए या विरोध करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।