गाजियाबाद में मंगलवार को देश का नामी न्यूरोलॉजिस्ट रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में गिरफ्तार हुआ। उसके 2 सहयोगियों को भी स्वाट और घंटाघर कोतवाली पुलिस की टीम ने पकड़ा है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 70 रेमडेसिवीर इंजेक्शन, दो अक्टेमरा इंजेक्शन और इन इंजेक्शन की कालाबाजारी से अर्जित किए गए 36 लाख 10 हजार रुपए भी बरामद किए हैं। इनके इस गोरखधंधे में दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल में अपनी सेवा दे चुका एक डॉक्टर भी शामिल है।
एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि आरोपितों की पहचान डॉ. अल्तमश, कुमैल और जाजिब के रूप में हुई है। डॉ. अल्तमश देश का नामी न्यूरोलॉजिस्ट है और दिल्ली के निजामुद्दीन में रहता है। इंजेक्शन वही उपलब्ध कराता था। चंद दिनों की कालाबाजारी में ही उसने 36 लाख रुपये कमाए हैं। आरोपितों के पास जो कार मिली है, वह भी इन्हीं पैसों से खरीदी गई थी।
खबर के मुताबिक डॉ. अल्तमश का गैंग गंभीर मरीजों तक अपनी पहुंच बनाता था। 4 हजार रुपये का रेमडेसिविर इंजेक्शन 30 से 40 हजार रुपये के बीच बेच रहे थे। इसी बीमारी में इस्तेमाल होने वाले अक्टेमरा इंजेक्शन की भी कालाबाजारी करते थे। सामान्यतौर पर लगभग 48 हजार रुपये में मिलने वाले इस इंजेक्शन को डेढ़ लाख रुपये में बेचते थे। गाजियाबाद में डिमांड मिलने के बाद इंजेक्शन जाजिब और कुमैल के पास पहुंचता था।
डॉक्टर मोहम्मद अल्तमश ने बताया कि उसने केजीएमयू लखनऊ से एमबीबीएस किया है। विवेकानंद लखनऊ से न्यूरोलॉजी में डीएनबी/डीएम किया है। एम्स नई दिल्ली से फेलोशिप के बाद एम्स में विजिटिंग फिजीशियन भी था। वर्तमान में वह हयात हेल्थ इंश्योरेंस कॉर्पोरेट सेक्टर का नेशनल सीईओ है। डॉक्टर होने के नाते इसके मेडिकल सेक्टर में कई सम्पर्क हैं, जिनके जरिये ये दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में रेमडेसिविर 20 से 40 हजार तथा एक्टेमरा इंजेक्शन डेढ़ से 2 लाख रुपये में बेच रहा था। पुलिस FIR दर्ज कर इसके बाकी संपर्कों की जानकारी करने में जुट गई है।