पिछले दिनों कंगना ने मुंबई की तुलना पीओके से की थी जिसके बाद उनके इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हंगामा मच गया। कंगना रनौत की कही बात पर बदले की कार्रवाई करते हुए शिवसेना ने उनके मुंबई स्थित ऑफिस पर बुलडोजर चलवा दिया। शिवसेना नेता संजय राउत ने कंगना के बयान को मुंबई के लिए अपमान बताया था। इस बीच मामले में उन्होंने अक्षय कुमार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब मुंबई का अपमान हो रहा था तो अक्षय कुमार जैसे अभिनेता भी साथ खड़े नहीं हुए। क्या मुंबई सिर्फ पैसा कमाने के लिए है?
शिवसेना के मुखपत्र सामना में कंगना पर निशाना साधते हुए संजय राउत ने लिखा है कि एक नटी (एक्ट्रेस) मुंबई में रहकर महाराष्ट्र के सीएम के प्रति तू-तड़ाक की भाषा बोलती है। वह चुनौती देती है। लेकिन महाराष्ट्र की जनता द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जाती है, ये कैसी एकतरफा आजादी है? संजय राउत ने मामले में फिल्म इंडस्ट्री की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लिखा कि कम-से-कम आधे हिंदी फिल्म जगत को तो मुंबई के अपमान के विरोध में आगे आना ही चाहिए था। उन्हें आगे आकर कहना चाहिए था कि कंगना का मत पूरे फिल्म जगत का मत नहीं है।
शिवसेना नेता ने सामना में अक्षय कुमार का नाम लेते हुए लिखा है कि कम-से-कम अक्षय कुमार जैसे बड़े कलाकारों को तो सामने आना ही चाहिए था। मुंबई ने उन्हें भी दिया ही है। मुंबई ने हर किसी को दिया है लेकिन मुंबई के संदर्भ में आभार व्यक्त करने में कइयों को तकलीफ होती है। दुनियाभर के रईसों के घर मुंबई में हैं। लेकिन जब इस शहर को अपमानित किया जाता है तो सभी गर्दन झुकाकर बैठ जाते हैं।
कंगना के ऑफिस पर बुलडोजर चलाए जाने को लेकर राउत ने सामना में आगे लिखा है कि जब कंगना के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलता है तो वह ड्रामा करने लगती है। इसे राम मंदिर बताने लगती है। उसने अपना यह अवैध निर्माण उसी के द्वारा घोषित पाकिस्तान में किया था।
संजय राउत ने एक्ट्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए लिखा कि पहले मुंबई को पीओके कहती है और जब उसी पाकिस्तान में गैरकानूनी तरीके से हुए निर्माण पर सर्जिकल स्ट्राइक होती है तो छाती पीटने लगती है। आखिर यह कैसा खेल है। दुर्भाग्य से यह कहना होगा कि मुंबई को पाकिस्तान और बाबर कहने वालों के पीछे महाराष्ट्र की भारतीय जनता पार्टी खड़ी हुई है।Input: Jansatta