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सुशांत सिन्हा के छठ पूजा की फ़ोटो पर कांग्रेसी नेता ने कसा तंज, पत्रकार ने दिया मुहतोड़ जबाब।

चार दिनों तक चलने वाले आस्था के पर्व छठ पूजा आज सुबह के दूसरे अर्घ के साथ ही सम्पन्न हो गया। छठ व्रत के अवसर पर हर तरफ छठ के मधुर गीतों के धुन सुनाई दे रहे थे। खासकर बिहार-झारखंड और पूर्वी उत्तरप्रदेश में छठ पूजा के अवसर पर पूरी तरह से छठी मईया के गानों से मंत्रमुग्ध रहता है। छठ पूजा बिहारियों के लिये से से पवित्र व्रत है।

बिहार झारखंड में छठ के अवसर पर सभी प्रवासी अपने घर पहुच जाते है। दिल्ली, मुम्बई या दुनिया के किसी भी कोने में बिहार के लोग हो तो वो छठ पूजा करना नही भूलते है। घर के बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी को इस पूजा का महत्व पता होता है तभी तो हर कोई इस पवित्र पर्व में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है और व्रतियों की मदद करता है। उनका मानना है कि सहयोग करने से उन्हें भी पूण्य की प्राप्ति होगी।

इसी भावना के साथ पत्रकार सुशांत सिन्हा भी छठ व्रत के मौके पर अपने घरवालों के मदद कर रहे थे और उन्होंने ठेकुआ बनाने की एक तश्वीर अपने ट्विट्टर एकाउंट पर पोस्ट किया और साथ मे लिखा, “छठ का प्रसाद बनाने में ‘गजबे’ योगदान देते हुए। ठेकुआ और पेड़किया (गुजिया) बनाने का काम पूर्ण गति से चालू है। जय छठी मईया।”

इस फोटो पर हर कोई सुशांत की सराहना कर रहा था लेकिन कांग्रेसी नेता अपने आदत से मजबूर हमेशा हर चीज में नेगेटिविटी ही ढूंढते है और अपनी फजीहत करवा लेते है। बिहार के कांग्रेस नेता और एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने सुशांत के इस फोटो पर रिप्लाई करके तंज कसा, लिखा- “आप सिर्फ फ़ोटो खिंचवा रहे हैं!!”

सुशांत सिन्हा ने इस नेताजी को बहुत सटीक जबाब दिया और लिखा, “मुझे लगता है आप सिर्फ नाम के बिहारी हैं वरना इतना ज़रूर जानते कि छठ पूजा से जुड़े किसी भी कार्य में झूठ और अपवित्रता का कोई स्थान नहीं होता। छठी माई आपको और आपकी पार्टी को सद्बुद्धि दें।”

उत्तर भारत का प्रसिद्ध पर्व है छठ पूजा
हर साल दीवाली के तीन बाद यानि कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर सप्तमी की सुबह पारायण तक यह पर्व मनाया जाता है। बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस पर्व में लोग दीवाली के बजाए छठ पर्व पर छुट्टी लेकर परिवार के साथ परंपरागत तरीके से पर्व मनाते हैं। मान्यता है कि यह व्रत सूर्यदेव, ऊषा, प्रकृति, जल और वायु को समर्पित है।