जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद से ही 10 जनपथ मीडिया और विपक्षी पार्टियां अपनी तिलमिलाहट आये दिन दिखाते रहती है। अब जब धारा 370 को हेट हुए 2 साल पूरे हुए है तो इस मसले को लेकर ‘भारत की आम जनता क्या सोचे और क्या नहीं’ यह भी अब अब अजीत अंजुम सरीखे पत्रकार और मीडिया गैंग तय करने में लगे हुए है।
एक ताज़ा वीडियो देखने को मिला है इसमें अजीत अंजुम एक बुजुर्ग ग्रामीण से सवाल पूछते हैं। उक्त ग्रामीण ने कहा कि कश्मीर को पहले पाकिस्तान अपना हिस्सा मानता था, लेकिन अनुच्छेद-370 के हटने के बाद वो वो पूरी तरह भारत का हिस्सा हो गया है। इस पर अजीत अंजुम ने आरोप लगा डाला कि उन्होंने व्हाट्सएप्प पर ये सब पढ़ा है। यानी, एक बुजुर्ग अपनी मन की बात नहीं कह सकता उनकी नजर में, ज़रूर उसे किसी ने ‘सिखाया’ है।
इसके बाद अजीत अंजुम बेरोजगारी के मुद्दे पर आ गए। रोजगार के सवाल पर बुजुर्ग ग्रामीण ने स्पष्ट कहा कि लोगों को रोजगार मिल रहा है और खेती में भी रोजगार बढ़ा है। इस पर अजीत अंजुम कहने लगे कि क्या पहले खेती नहीं होती थी? उलटा सवाल दागने लगे कि क्या पहले ईंट की ढुलाई और मिल का काम नहीं होता था? फिर बुजुर्ग का मजाक बनाने लगे कि वो क्या बोल रहे हैं। जब व्हाट्सएप्प का नाम लेकर बात नहीं बना तो उन्होंने पूछा डाला कि कौन सा चैनल देखते हो?
जब बुजुर्ग ने ‘जी न्यूज़’ बताया तो फिर अजीत अंजुम कहने लगे कि इस तरह के चैनल देखने पर यही सब होता है। इसके बाद फिर से वो बुजुर्ग ग्रामीण ‘त्यागी जी’ का मजाक बनाने लगे। ऑक्सीजन छिपाने को लेकर भी बुजुर्ग ने अपनी बात रखी। फिर जबरन अजीत अंजुम तेल के मुद्दे पर आ गए। बुजुर्ग ने कहा कि इससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं। अंत में अजीत अंजुम उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘कट्टर समर्थक’ बता कर निकल लिए।
इस वीडियो पर भाजपा नेता मनीष पांडे ने भी अजीत अंजुम को आड़े हाथों लिया। इसके बाद मशहूर पत्रकार और ज़ी न्यूज़ के एडिटर सुधीर चौधरी ने भी अजीत अंजुम पर कटाक्ष करते हुए लिखा, पत्रकार की वेश में ये जो भी आदमी है, इसने एक वृद्ध ग्रामीण के मुँह में अपने शब्द डालने की पूरी कोशिश की। जब नहीं हुआ तो उसका मज़ाक़ उड़ाया। आख़िर में झुंझला गया। ये लोग गाँव वालों को अनपढ़ और बेवक़ूफ़ समझते हैं जबकि है इसका उल्टा। ये बेरोज़गार पत्रकार ईर्ष्या की आग में जल रहे हैं।” उनकी बात बहुत हद तक सही भी है।
अजित अंजुम जैसे पत्रकार आज इसी मनशूबे के साथ काम करने में लगे हुए है। उनका मकसद सिर्फ यह है कि कैसे लोगो को गुमराह किया जाए और सरकार को बदनाम करें। लेकि शायद उन्हें नही पता कि देश की ग्रामीण इलाकों में बसी जनता के लिए कश्मीर क्या है और वो धारा 370 हटने को देश की अखंडता को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम मानते है।