देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या की रफ्तार अब बेकाबू होती नजर आ रही हैं. रोजाना सामने आ रहे आंकड़े अब चिंता के साथ-साथ डर भी पैदा कर रहे हैं. बीते 24 घंटे की बात करें तो देश में कोरोना के 3 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. लगातार दूसरे दिन ये आंकड़ा 3 लाख के पार पहुंचा है. आज (शुक्रवार) के दिन 3,32,730 लाख केस रिकॉर्ड हुए हैं. वहीं, इस दौरान 2,263 लोगों की मौत हो गई है.

राजधानी दिल्ली में भी हालात काफी खराब है। अस्पतालों में बीएड उपलब्ध नही है अगर किसी तरह मरीज को बीएड मिल भी गया तो ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है। दिल्ली के कई हॉस्पिटल की ओर से कहा गया कि कुछ ही घंटे का ऑक्सिजन स्टॉक है। गुरुवार का दिन जैसे तैसे बीता लेकिन शुक्रवार की सुबह खबर आई कि राजधानी के एक बड़े हॉस्पिटल में ऑक्सिजन की कमी से 25 मरीजों ने दम तोड़ दिया।

हॉस्पिटल्स के इतने खराब हालत देखकर कुछ लोग मरीज को घर पर ही रखकर ईलाज कर रहे है। ऐसा ही कुछ DD न्यूज़ के पत्रकार ने भी किया। उन्होंने अपनी कोरोना पॉजिटिव माँ को हॉस्पिटल में भर्ती कराने के वजय घर पर रखकर उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध करा और इलाज के साथ-साथ उनकी अच्छे से देखभाल की। अब उनकी माता जी बिल्कुल ठीक है जिसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर साझा की।

पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने ट्विट कर अपनी माँ के कोरोना पॉजिटिव होने और अब उनके ठीक होने की बात कही। उन्होंने लिखा, “मेरी मां को कोरोना था,ऑक्सिजन लेवल 40 तक चला गया। हम हॉस्पिटल भागे, वहां हालात देखे तो लगा भर्ती कराया तो अनहोनी होनी तय है। ऑक्सिजन कंसेंट्रेटर घर पर मंगाया, हिम्मत से दिन-रात परिवार ने सेवा की।अब वो कोरोना नेगेटिव हैं। पहले यह सब बता कर किसी को परेशान नहीं करना चाहता था।”

आगे उन्होंने ये भी बताया कि कोई राजनीतिक मित्रता काम नही आई। अशोक श्रीवास्तव ने एक यूजर को जवाब देते हुये लिखा, “न मेरे पास पैसे हैं न कोई राजनीतिक मित्रता काम आई। तकदीर अच्छी थी, अच्छे लोग मिल गए। ऑक्सिजन कंसेंट्रेटर समय पर मिल गया, 6 हज़ार रुपये मासिक किराए पर, डॉक्टर से फोन पर सलाह करता रहा और एक अच्छा हेल्थ वर्कर मिल गया जो घर पर आकर इंजेक्शन, दवाएं देता रहा। उसका बहुत आभारी हूँ।”

अशोक श्रीवास्तव के उस पोस्ट पर एक यूजर ने जवाब देते हुए लिखा, “धन्यवाद यह कहने के लिए, मेरे मन में कई दिनों से यह बात थी क्योंकि अस्पताल में मरीजों को कोई पूछने तक नहीं आ रहा, एक करीबी अंकल की मृत्यु इस वजह से हुई की उनका ऑक्सीजन निकालने के बाद किसी ने ध्यान नहीं दिया। घर पर अगर आप सेवा कर सकें तो काफी मरीज ठीक हो जायेंगे।”