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बंगाल हिंसा: परिवार संग असम भागे सैकड़ों BJP कार्यकर्ता, हेमंता वुश्वा सरमा बोले- लोकतंत्र का गंदा नाच रोकें ममता

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक हिंसाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के साथ ही हिंसा भड़क गई। बंगाल में खून खराबा जारी है। इसमें कथित तौर पर झड़प और दुकानों को लूटे जाने के दौरान कई भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई, तो कई घायल हो गए।

सोमवार को भी जारी हिंसा में बीजेपी के कुछ और कार्यकर्ता मारे गए और कई घायल हो गए। वहीं कई जगहों पर दुकानों में लूटपाट की गई। घटना से डरे सहमे करीब 300-400 बीजेपी के कार्यकर्ता बंगाल से सुरक्षा की आस में असम पहुंचे हैं। यह दावा असम सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने किया है।

हेमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा कि एक दुखद घटनाक्रम में 300-400 बीजेपी बंगाल कार्यकर्ता और परिवार के सदस्यों ने असम में धुबरी में आकर रुके हैं। उन लोगों ने बंगाल में अत्याचार और हिंसा का सामना करने के बाद बॉर्डर पार किया है। हम सभी को आश्रय और भोजन दे रहे हैं। ममता बनर्जी दीदी को लोकतंत्र के इस गंदे नाच को रोकना होगा। बंगाल बेहतर का हकदार है।

चुनावी नतीजों के बाद हुईं हिंसक घटनाओं का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने जांच का निर्देश देते हुए दो हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है। मालूम हो कि दो मई को आए पांचों विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बंगाल में कई जगह लूटपाट, हिंसा, हत्याओं के मामले सामने आए थे। बीजेपी ने इसका आरोप टीएमसी पर लगाया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी बंगाल के नंदीग्राम में कुछ महिलाओं की कथित तौर पर पिटाई की घटना पर चिंता जताते हुए राज्य पुलिस से कहा था कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषियों को गिरफ्तार किया जाए और समयबद्ध तरीके से जांच की जाए।