बंगाल में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले ममता बनर्जी ने गोत्र कार्ड खेल दिया है. पूर्वी मिदनापुर की एक रैली में उन्होंने अपना गोत्र बताया था। नंदीग्राम में ममता बनर्जी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं मंदिर गई थी पुरोहित ने पूछा कि मेरा गोत्र क्या है? मुझे याद आया कि त्रिपुरेश्वरी मंदिर में अपना गोत्र मां माटी मानुष बताया था लेकिन आज जब मुझसे पूछा गया तो मैंने कहा कि पर्सनल गोत्र शांडिल्य है लेकिन मैं समझती हूं कि मेरा गोत्र मां-माटी-मानुष है।”

ममता के गोत्र बताने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उन पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर कहा, “रोहिंग्या को वोट के लिए बसाने वाले, दुर्गा/काली पूजा रोकने वाले, हिंदुओ को अपमानित करने वाले, अब हार के ख़ौफ़ से गोत्र पर उतर गए. “शांडिल्य गोत्र” सनातन और राष्ट्र के लिए समर्पित है, वोट के लिए नहीं.” एक अन्य ट्वीट में गिरिराज सिंह ने कहा, “ममता दीदी, अब तो पता करना होगा कि रोहिंग्या और घुसपैठियों का भी गोत्र शांडिल्य है क्या?”

गोत्र वाले वयान के बाद सोशल मीडिया पर भी लोग गोत्र-गोत्र खेलना शुरू कर दिये है। इसी कड़ी में ज़ी न्यूज़ के एंकर अमन चोपड़ा ने राहुल गांधी की एक तसवीर ट्वीट कर लिखा, मार्केट में एक और गोत्र जल्द आने वाला है।” इस तस्वीर में राहुल के माथे पर तिलक लगा हुआ है।

अमन चोपड़ा द्वारा राहुल के तस्वीर पर टिप्पणी करने कांग्रेसी बताओ को रास नही आया और कांग्रेस नेता गौरव पांगी ने जवाब में लिखा, “अमन चोपड़ा और आपका गोत्र है ‘मोदी भक्त’! जैसा की रामायण में कहा गया है, “भक्ति और पागलपन में कोई ज़्यादा अंतर नहीं है”
अपने नाम के आगे से चोपड़ा हटा लीजिये क्योंकि आप खत्री समाज ही नहीं लेकिन पूरे हिन्दू समाज पर एक कलंक हैं।

गौरव पांगी के इस ट्वीट पर अमन चोपड़ा ने पलटवार करते हुए 10 जनपथ पर भी निशाना साधा, अमन ने लिखा, “कौन सी रामायण पढ़ कर आए हैं गौरव जी?
प्रभु राम को काल्पनिक बताने वाली 10 जनपथ वाली रामायण तो नहीं पढ़ ली ?”

इस वाद-विवाद में कांग्रेस की नेत्री पंखुडी पाठक ने लिखा, “भक्त नहीं बंधुआ मज़दूर । जिस दिन गुलामी बंद करी उस दिन नौकरी से टाटा बाय बाय हो जायेगा इनका ।”

पंखुडी को अभिनव शर्मा नाम के यूजर ने जवाब दिया, “राहुल के पिद्दी Pedigree खाने वाले कांग्रेसी चमचो !जो खुद गांधी परिवार की तलवे चाटके अपना राजनीतिक भविष्य बनाने मैं लगे ! जिस दिन ये बैंड उस दिन टाटा बाये बाये।”